Wednesday 7 January 2015

हाई प्रोफाइल सुनंदा पुष्कर मृत्यु प्रकरण में एक और सनसनीखेज मोड़ आया है। दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया है कि पूर्व के ंद्रीय राज्य मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा ने खुदकुशी नहीं की थी, बल्कि उनकी हत्या हुई थी।

पुलिस ने अज्ञात आरोपितों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी का कहना है कि अब इस मामले में वर्तमान में सांसद शशि थरूर से पूछताछ हो सकती है।


ऎसी आशंका जताई जा रही है कि सुनंदा की हत्या के लिए पोलोनियम-210 रोडियोधर्मी आइसोटोप का इस्तेमाल किया गया है। पोलोनियम सायनाइड से हजारों गुना ज्यादा घातक होता है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह घातक रोडियोधर्मी आइसोटोप आसानी से किसी को मिल ही नहीं सकता है।


क्या है पोलोनियम-210
मैडम क्यूरी ने 1889 में पोलोनियम-210 की खोज की थी। परमाणु ऊर्जा और शस्त्र उद्योग के बाहर सामान्य लोगों को इसके बारे में क म ही जानकारी है।

परमाणु विखंडन की प्रक्रिया के दौरान रेडियोएक्टिव पदार्थ पोलोनियम-210 बनता है। प्रकृति में यह बहुत ही कम मात्रा में मिलता है।

अमेरिकी परमाणु नियंत्रक आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व के सभी परमाणु रिएक्टरों के चलाने के बाद प्रति वर्ष लगभग 100 ग्राम पोलोनियम-210 बनता है। इस पर बहुत ही पैनी नजर रखी जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि आम आदमी के लिए इसे प्राप्त करना लगभग असंभव जैसा है।


सायनाइड से 250000 गुना जहरीला
पोलोनियम-210 इतना घातक होता है कि इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि हाईड्रोजन सायनाइड से वह 250000 गुना जहरीला होता है। किसी को मारने के लिए उसका एक कण काफी है, वह अपने असर से शरीर के अंगों को निष्क्रि य कर देता है।

इसके अंदर मनुष्य की त्वचा को भेदने की क्षमता नहीं होती है। लेकिन इसे सुंघाया जाता है या फिर शरीर में इंजेक्ट किया जाता है तो वह अपने रेडिएशन से शरीर को निष्क्रिय कर देता है। वह मृतक के शरीर में 30 से 50 दिनों तक मौजूद रहता है।


पोलोनियम-210 से हत्या के अब तक दो ही मामले
इससे पहले दुनिया में दो ही ऎसे मामले सामने आए हैं जब किसी की हत्या के लिए इतने घातक जहर पोलोनियम-210 का इस्तेमाल कि या गया। फलस्तीन के नेता यासिर अराफात की जब 2004 में मौत हुई थी, उसकी जांच के बाद 2013 में स्वीस वैज्ञानिकों ने बताया था कि संभवत: उनकी हत्या के लिए पोलोनियम-210 का इस्तेमाल किया गया है।

इसके बाद 2006 में रूसी जासूस एलेक्जेंडर लित्विनेंको की पोलोनियम-210 युक्त चाय पिलाकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद से राजनयिक तनाव बढ़ गया था।


गौरतलब है कि सुनंदा 17 जनवरी, 2014 को दिल्ली के पांच सितारा होटल के कमरे में मृत पाई गई थीं।

Source: India News from Hindi News Desk

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