Wednesday 30 September 2015

अजमेर | कुख्यात अपराधी आनंदपाल की फरारी में चालानी गार्ड को बेहोश करने के लिए मिठाई में मनोरोगियों को दी जाने वाले एंटी साइकोटिक ड्रग मिलाया गया था।
दवा जयपुर के एक मिठाई विक्रेता के यहां से खरीदे गए मावे के पेड़े में मिलाई गई थी। यह सनसनीखेज जानकारी आनंदपाल की फरारी के 26 दिन बाद क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला (विष) की रिपोर्ट में उजागर हुई है।

पुलिस की बस से बरामद खाने व मिठाई के पैकेट के अलावा चालानी गार्ड की एफएसएल रिपोर्ट में चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। कमांडो शक्ति सिंह ने साथी चालानी गार्ड और अन्य कमांडो को बेहोश करने के लिए मनोरोगियों को दी जाने वाली दवा का इस्तेमाल किया था। इस प्रतिबंधित दवा को मेडिकल स्टोर संचालक की मिलीभगत और चिकित्सक की पर्ची के बगैर खरीदा जाना संभव नहीं। पुलिस मामले में इस दिशा में भी जांच शुरू कर दी है।
चार पर नहीं मिला असर
एफएसएल जांच के लिए 11 चालानी गार्ड के खून और गेस्ट्रोलावाज के नमूने के अलावा खाने व मिठाई के 18 नमूने भेजे गए थे। ग्यारह में से 7 चालानी गार्ड का एंटी साइकोटिक दवा का सेवन सामने आया। यह दवा उस मिठाई मिलाई गई थी जिन्हें चालानी गार्ड को खिलाया गया। जबकि कमांडो शक्ति सिंह, सुनील डांगी, चालक शम्भुसिंह के अलावा एक अन्य चालानी गार्ड पर इस दवा का प्रभाव नहीं मिला।

दवा की जानकारी रखने वाला भी लिप्त!
क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला की सहायक निदेशक रेखा खन्ना की रिपोर्ट में कहा गया है कि एंटी साइकोटिक ड्रग का इस्तेमाल आमजन नहीं कर सकता। आनंदपाल की फरारी में जरूर ऐसा व्यक्ति शामिल रहा होगा जो दवाइयों की अच्छी जानकारी रखता है। दवा के संबंध में जयपुर से गिरफ्तार आनंदपाल के भाई उदयवीरसिंह उर्फ लक्की, हिस्ट्रीशीटर धर्मेन्द्र चौधरी व कमांडो शक्तिसिंह से पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि आखिर दवा किसके माध्यम से कब और कहां से ली गई।
अपराधियों के हाथ में दवा!
मनोरोगियों को दी जाने वाली एंटी साइकोटिक ड्रगकी बिक्री मेडिकल स्टोर से प्रतिबंधित है। मेडिकल स्टोर से दवा सिर्फ मनोरोग विशेषज्ञ की पर्ची पर दी जा सकती है। पर्ची से दी गई दवा का मेडिकल स्टोर संचालक को रिकॉर्ड रखना होता है। लेकिन चालानी गार्ड को मिठाई में खिलाई गई प्रतिबंधित दवा अपराधियों के हाथ लग गई और उसका इस्तेमाल आपराधिक गतिविधि में जमकर किया गया।

श्रीमाधोपुर - ना पट खुले। ना ही पूजा हुई। मंदिर में भक्त तो आए, मगर भगवान से कुछ मांगने नहीं बल्कि उन्हें उनका हक दिलाने के लिए आए। मन में अपार श्रद्धा तो है ही, लेकिन चेहरे पर गुस्सा भी साफ दिखाई दे रहा है। गणेश जी के इस मंदिर के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है।
मामला श्रीमाधोपुर में खंडेला रोड स्थित गोपालजी कुंडवाला (गणेश मंदिर) का है। लोगों के अनुसार किसी ने मंदिर की कृषि भूमि पर अतिक्रमण कर रखा है। अतिक्रमण हटाने के लिए अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई, मगर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी होने पर मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों एवं लोगो के द्वारा मंदिर में सेवा पूजा कार्य बंद रखकर बुधवार से धरना शुरू कर दिया है। मंदिर ट्रस्ट के मंत्री महावीर ठठेरा के नेतृत्व में सुबह से शरू हुए धरने पर बैठे लोगों ने बताया कि पक्के अतिक्रमण की शिकायत प्रशासन उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, नगर पालिका व पुलिस को करने के बावजूद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की जा रही है।


सैकड़ों लोग करते हैं दर्शन
गणेश जी का यह मंदिर कस्बे का मुख्य मंदिर है। इसके परिसर में गणेश जी के अलावा अन्य मंदिर है। बुधवार को इसमें श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। इस बार बुधवार को श्रद्धालु मंदिर पहुंचे तो उन्हें मंदिर सेवा कार्य बंद होने व धरना शुरू होने के बारे में पता। कई श्रद्धालु तो धरने में शामिल भी हो गए |

Thursday 24 September 2015

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आध्यात्मिक गुरु swami dayanand giri का उत्तराखंड के ऋषिकेश में बुधवार रात 88 साल की उम्र में निधन हो गया। दयानंद काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को किया जाएगा।



गौरतलब है कि 11 सितंबर को मोदी ने उनसे मुलाकात की थी, उस समय भी वह बीमार थे। जानकारी के मुताबिक मोदी ने उनसे डायलिसिस करवाने का अनुरोध किया था।
स्वामी दयानंद गिरि ने अपनी इच्छा भी जताई थी। उन्होंने कहा था कि वह चाहते हैं कि गरीबों को घर और बेरोजगारों को रोजगार मिले। स्वामी दयानंद गिरि से पीएम मोदी का पुराना रिश्ता है।
16 साल पहले भी मोदी ऋषिकेश के दयानंद आश्रम आए थे। Modi Guru ने हर मुश्किल समय में उनका मार्ग दर्शन किया। माना जाता है कि स्वामी दयानंद का मोदी के जीवन पर गहरा प्रभाव है।

Tuesday 22 September 2015

अमेरिका के न्यूयॉर्क में इस हफ्ते होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के वाषिर्क सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ एक ही होटल में ठहर सकते हैं। 

सूत्रों के अनुसार मोदी बुधवार शाम न्यूयॉर्क पहुँच जाएंगे। वे वाल्डोर्फ एस्टोरिया होटल में ठहरेंगे। वहीं, शरीफ 25 सितंबर की शाम यहां पहुंचेंगे और वह भी इसी होटल में ठहरेंगे।

फिलहाल, दोनों नेताओं के बीच किसी द्विपक्षीय मुलाकात की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन मोदी और शरीफ के एक ही होटल में ठहरने की चर्चाओं का बाज़ार गर्म है। 

modi sharif

अब देखने वाली बात ये है कि यदि मोदी और शरीफ एक ही होटल में ठहरते हैं तो क्या इस प्रवास के दौरान उनका आमना-सामना होगा या नहीं। 

संभव है मुलाक़ात 
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक दोनों देश के पीएम के बीच द्विपक्षीय वार्ता पहले से तय नहीं है लेकिन मुलाक़ात की संभावना को नहीं नकारा जा सकता है। वह भी खासतौर से तब जब दोनों एक ही होटल में रुक रहे हों।

ये रहेगा कार्यक्रम 
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 सितंबर को टिकाउ विकास शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे जिसकी मेजबानी विश्व निकाय के महासचिव बान की-मून कर रहे हैं। 

modi sharif

इस सम्मेलन में नया और महत्वाकांक्षी उत्तर-2015 विकास एजेंडा स्वीकार किया जाएगा। इसी तरह से पाकिस्तान प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ 27 सितंबर को इस उच्च स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

इसके बाद मोदी 26 और 27 सितंबर को कैलीफोर्निया में होंगे। वह 28 सितंबर को न्यूयॉर्क लौटेंगे। तब वह अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात करेंगे और साथ ही संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर आयोजित उच्च स्तरीय शांति-रक्षण शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे। 

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री भी शांति-रक्षण शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे। विभिन्न देशों के नेताओं का यह बहुपक्षीय जमावड़ा मोदी और शरीफ को रू-ब-रू आने का मौका प्रदान कर सकता है।

मोदी 28 सितंबर की देर रात या 29 सितंबर के तड़के स्वदेश रवाना होंगे जबकि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यहीं रूकेंगे। वह बाद में स्वदेश रवाना होंगे।

modi sharif

शरीफ 30 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के वाषिर्क सम्मेलन को संबोधित करेंगे। अगले दिन एक अक्टूबर को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज विश्व नेताओं के जमावड़े को संबोधित करेंगी। 

वाल्डोर्फ एस्टोरिया परंपरागत रूप से अमेरिकी राष्ट्रपतियों का पसंदीदा होटल रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जब संयुक्त राष्ट्र महासभा के वाषिर्क सम्मेलन में न्यूयॉर्क आते तो वे यहां ठहरा करते थे।

america hotel

बहरहाल, पिछले साल एक चीनी कंपनी ने यह होटल खरीद लिया। इससे यह अंदेशा पैदा हो गया कि अगर ओबामा यहां ठहरते हैं तो चीनी हैकर साइबर घुसपैठ कर सकते हैं। 

ओबामा और उनका स्टाफ इस बार न्यूयॉर्क पैलेस होटल में ठहर रहे हैं। मजेदार बात यह है कि भारतीय नेता महासभा सम्मेलन के लिए आने पर इसी होटल में ठहरा करते थे।

प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए मनमोहन सिंह इसी होटल में ठहरते थे। मोदी भी पिछले साल इसी होटल में ठहरे थे।

Wednesday 9 September 2015


मोदी सरकार ने पूर्व सौनिकों की वन रैंक वन पेंशन की मांग मांगने के बाद अब केंद्रीय कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता (डीए) बढ़ाने का एलान किया है। कैबिनेट ने केंद्रीय कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते में 6 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। डीए में हुई इस बढ़ोतरी का फायदा करीब एक करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारियों व पेंशनभोगियों को होगा। सरकार ने की यह फैसला बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के ठीक पहले आया है।



केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को हुई बैठक में कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने का फैसला किया है। बैठक में इस संबध में प्रस्ताव रखा गया था, जिसे कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। प्रस्ताव पारित होने के बाद अब केंद्रीय कर्मचारियो का मंहगाई भत्ता 119 फीसदी हो गया है। बढ़ा हुआ डीए एक जनवरी 2015 से लागू होगा।

पहले कितना था मंहगाई भत्ता

गौरतलब है कि अप्रैल में सरकार ने डीए को छह प्रतिशत बढाकर कर्मचारी के मूल वेतन का 113 प्रतिशत किया था, इसे जनवरी से लागू किया गया था। डीए का भुगतान मूल वेतन के अनुपात के रूप में किया जाता है।    

एक करोड़ लोगों को फायदा

मंहगाई भत्ते में हुई इस बढ़ोतरी का फायदा करीब एक करोड़ से अधिक लोगों को होगा। वर्तमान में 48 लाख सरकारी कर्मचारियों व 55 लाख पेंशनभोगियों है, जिन्हें बढ़ें हुए भत्ते का लाभ मिलेगा।

Source: http://rajasthanpatrika.patrika.com/story/business/cabinet-approves-6-hike-in-dearness-allowance-1288744.html

Tuesday 8 September 2015

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए मंगलवार को कहा कि केन्द्र में बैठी सरकार अपने वायदे पूरे करने में बुरी तरह नाकाम रही है। पार्टी कार्य समिति की बैठक में गांधी ने कहा कि भाजपा सरकार न सिर्फ देश के इतिहास को झुठलाने का प्रयास कर रही है बल्कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु की विरासत को भी नेस्तनाबूत करने पर तुली है।

उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक पर राजग सरकार ने जो यूटर्न लिया है वह इस बात का सबूत है कि पार्टी जमीनी हकीकतों से वाकिफ नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार देश के बड़ी संस्थाओं की स्वायत्तता भी खत्म करने पर आमादा है।

मीडिया को डराया धमकाया जा रहा है। लेखकों और प्रगतिशील सोच रखने वालों को खत्म किया जा रहा है। बैठक में भारतीय जनता पार्टी के कयी बड़े नेताओं की ललित गेट और व्यापम घोटाले में कथित संलिप्तता तथा भूमि अधिग्रहण विधेयक समेत कुछ अहम मुद्दों पर मोदी सरकार को संसद के अंदर और बाहर घेरने की रणनीति पर विचार की संभावना है।



सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन ङ्क्षसह के अलावा पार्टी के कई बड़े नेता शिरकत कर रहे हैं। बिहार विधान सभा चुनाव के ठीक पहले हो रही इस बैठक में राज्य के चुनाव पर खास चर्चा हो सकती है।

ऐसा माना जा रहा है कि इस चुनाव के नतीजे मोदी सरकार के लिए काफी निर्णायक साबित हो सकते हैं। बिहार में भाजपा के खिलाफ चुनाव में उतरने के लिए बनाए गए महागठबंधन में कांग्रेस के शामिल होने के कारण उसके लिए यह चुनाव एक बड़ी चुनौती है।

बैठक में पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने के बारे में अहम चर्चा होने की संभावना है। पार्टी के एक धड़े का यह मानना है कि गांधी को इस बार अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है हालांकि ऐसी खबरें भी हैं कि बिहार चुनाव के नतीजे आने से पहले पार्टी नेतृत्व में ऐसे किसी बदलाव की संभावना अभी नहीं है।

बैठक में पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल पांच वर्ष से घटाकर तीन वर्ष किए जाने और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति सहित पार्टी की प्रदेश समितियों का कार्यकाल एक वर्ष बढ़ाने से जुड़े प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है।

पार्टी संगठन को मजबूत बनाने और सदस्यता अभियान को गति देने के इरादे से भारतीय युवक कांग्रेस और महिला कांग्रेस जैसे पार्टी से जुड़े संगठनों के सदस्यों को पार्टी का सदस्य बनाने की संभावनाएं भी इस बैठक में तलाशी जा सकती हैं।

Source: http://rajasthanpatrika.patrika.com/story/india/congress-president-verbally-attack-on-pm-modi-during-cwc-meeting-1284157.html

Tuesday 1 September 2015

पाकिस्तान के इतिहास में इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब वहां की एक यूनिवर्सिटी ने हिंदी में एमफिल की डिग्री प्रदान की है। छात्रा शाहीन जफर पाकिस्तान की ऐसी पहली छात्रा बन गई है जिसने हिंदी में एमफिल की डिग्री ली है। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार 'डॉन' के मुताबिक शाहीन ने स्वतंत्रयोत्तर हिंदी उपन्यासों में नारी चित्रण(1947-2000) विषय पर शोध किया है।



उन्होंने ये शोध प्रो. इफ्तिखार हुसैन की देखरेख में किया। सेना की ओर से संचालित नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ मॉर्डन लैंग्वेज ने इस डिग्री को प्रदान किया है। अखबार के मुताबिक पाकिस्तान में हिन्दी विशेषज्ञों की कमी होने के कारण भारत के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के दो विशेषज्ञों ने जफर के शोध का मूल्यांकन किया।

Source: http://rajasthanpatrika.patrika.com/story/world/pakistani-university-first-time-provide-m-phil-degree-in-hindi-1281788.html