Monday 22 August 2016

दोहरी जिम्मेदारियों के बीच फंसी वर्किंग लेडी का सबसे प्यारा और नन्हा बेटा बीमार पड़ जाए तो उसके लिए घर और बाहर के कार्यों में तालमेल बिठाना कठिन होता है। जिम्मेदारियों के ऐसे ही बोझ तले दबी पुणे की एक महिला बैंककर्मी ने अपने बीमार बच्चे और ऑफिस में काम का एक फोटो फेसबुक पर पोस्ट क्या किया, लोगों के रिस्पांस का अंबार लग गया। कुछ ने काम के बीच संतुलन गाठने की उनकी कला की तारीफ की तो कुछ ने राजनेताओं को जमकर कोसा।

दरअसल यह घटना पुणे की एक बैंककर्मी स्वाति चिटलकर की है। महिला बैंक में एक जिम्मेदार पद पर कार्यरत हैं। मंगलवार को उन्हें एक जरूरी लोन को हर हाल में पास करना था। दूसरी तरफ जान से प्यारा और नन्हा उनका बेटा तेज बुखार से पीडि़त था। वह न तो बच्चे को घर पर छोड़ सकती थी और न ही बैंक का काम अगले दिनों के लिए टालने की स्थिति में थी। दोनों के बीच संतुलन बिठाते हुए अपने बीमार बच्चे को लेकर ऑफिस पहुंच गई। बच्चे को फर्श पर लिटा दिया और काम में जुट गई।


राजनेताओं पर किया कटाक्ष
दूसरी तरफ इस विकट स्थिति और जिम्मेदारियों का अहसास कराने के लिए उन्होंने फेसबुक पर इसका एक फोटो भी अपलोड कर दिया। फोटो के साथ पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि  फर्श पर लेटा यह बच्चा केवल मेरा बेबी नहीं, मेरा दिल भी है। वह तेज बुखार से पीडि़त है और किसी के साथ रहने की स्थिति में नहीं है। मैं इसे घर पर भी नहीं छोड़ सकती थी। इसलिए उन मंत्रियों तक मेरा मैसेज पहुंचा दें जो विधानसभा में अपनी सीट पर सोते हुए मिलते हैं।

15,000 लोगों ने किया पोस्ट शेयर
स्वाति चिटलकर ने जो सोचकर फोटो को पोस्ट किया वैसा ही रिस्पांस उन्हें लोगों से मिला। 15,000 लोगों ने उस फोटो को शेयर कर उन्हें चौका दिया कि दबाव और नाजुक स्थिति में वे भी उनके साथ हैं। पोस्ट में लोगों ने दो तरह की प्रतिक्रियाएं जाहिर की है। एक तरफ लोगों ने काम और बच्चे की जिम्मेदारी के बीच संतुलन को गांठने के सलीके की तारीफ की तो कुछ लोगों ने राजनेताओं को अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पाने के लिए जमकर कोसा है।

Source: Latest News in hindi by Rajasthan Patrika

Thursday 4 August 2016

इस्लामाबाद में चल रहे सार्क सम्मेलन में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। मंत्रीस्तरीय सार्क सम्मेलन में राजनाथ सिंह ने आतंकवाद को सबसे बड़ा खतरा करार दिया है। 

Rajnath Singh

राजनाथ ने कहा कि अब आतंकवाद का खात्मा बेहद जरूरी हो गया है। साथ ही गृह मंत्री ने काबुल, ढाका और पठानकोट में हुए आतंकी हमलों का भी इस दौरान जिक्र किया।  

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राजनाथ सिंह ने सार्क सम्मेलन के दौरान कहा, "अच्छा-बुरा आतंकी कुछ नहीं होता। आतंकियों का महिमामंडन नहीं होना चाहिए। आतंकियों की सिर्फ निंदा ही काफी नहीं है।"

राजनाथ सिंह ने इस दौरान आतंकवाद को संरक्षण देने वाले देशों को निशाने पर लिया। राजनाथ ने कहा कि आतंक के हमदर्द देशों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। हालांकि पाकिस्तान के टीवी चैनलों पर राजनाथ सिंह के भाषण को नहीं प्रसारित किया गया। 

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एक दिवसीय सार्क सम्मेलन का आगाज गुरुवार को पाकिस्तान के इस्लामाबाद में हुआ। पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने सम्मेलन का आगाज करते हुए कहा कि कई चुनौतियों के बावजूद, सार्क ने दक्षिण एशिया में ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने में सराहनीय योगदान दिया है। 

'आतंकवाद दुनिया की समस्या'
नवाज शरीफ ने कहा, "पाकिस्तान आतंकवाद और संगठित अपराधों को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। आतंकवाद सिर्फ पाकिस्तान की ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की समस्या है। हमें संगठित अपराध और आतंकवाद के खतरे को रोकने के लिए एकजुट होकर चुनौती का सामना करना होगा।"

साथ ही नवाज शरीफ ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान में ऑपरेशन जर्बे-अज्ब की बदौलत आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। 

वहीं पाकिस्तान के गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान ने कहा है कि पाकिस्तान सार्क संगठन की प्रक्रिया और इच्छाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। 

निसार अली ने कहा, "दक्षेस में शामिल देशों को रियलिटी चेक भी करना चाहिए जिससे ये मालूम हो कि हमने अब तक क्या किया है और हमें क्या करने की जरूरत है।"  राजनाथ सिंह बतौर गृह मंत्री पहली बार पाकिस्तान पहुंचे हैं। उनकी यात्रा के खिलाफ लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से धमकी मिलने के बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा दी गई है।