Friday, 9 January 2015

जब एटीएम कार्ड लॉन्च हुए तो बैंकों ने इसे सबसे सुरक्षित बताया था। लेकिन अब यही एटीएम कार्ड ठगों के लिए ठगी का आसान जरिया बन रहे हैं।

हाल की दो घटनाओं ने हर एटीएम कार्ड रखने वाले व्यक्ति को चिन्ता में डाल दिया है कि उनका पैसा भी सुरक्षित है या नहीं। पेश है ठगी के इस नए खेल पर एक रिपोर्ट:-


केस-1 : फोन पर ठगी
ठग ने फोन पर बैंक अधिकारी बनकर परिवहन विभाग के एसआई हरीश कुमार यादव से कहा कि आपके एटीएम की वैधता समाप्त होने वाली है, बैंक में अपडेट करना है, विवरण नोट कराएं। इस पर यादव विश्वास में आकर खाता नंबर, एटीएम कार्ड डिटेल दे दी। शाम तक खाते से 10 हजार रूपए पार हो गए।

केस -2 : क्लोन बनाकर
पांच बत्ती स्थित पीएनबी बैंक के एटीएम पर कार्ड स्वैपिंग की जगह स्कीमर डिवाइस लगाकर एक बदमाश ने पहले पैसे निकालने आने वाले व्यक्ति के एटीएम कार्ड संबंधित पासवर्ड जुटाए। इसके बाद कार्ड की क्लोनिंग से अलग-अगल बैंक एटीएम से नकदी निकलवा ली।


ऎसे होती है एटीएम कार्ड की क्लोनिंग
स्वैपिंग मशीन से : जब आप किसी दुकान या शोरूम में एटीएम या क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने हैं तो मशीन पहले कार्ड का पूरा डाटा रीड करती है। इस मशीन पर स्कीमर (इलेक्ट्रॉनिक डाटा चुराने वाले यंत्र) लगाकर एटीएम कार्ड का पूरा डाटा चोरी कर लिया जाता है।

एटीएम से : एटीएम में कार्ड डालने या स्वैप करने वाली जगह पर भी स्कीमर लगाए जा सकते हैं। जैसे ही कार्डधारक अपना कार्ड मशीन में डालेगा या स्वैप करेगा, यह स्कीमर उसकी पूरा डाटा कॉपी कर लेगा। इस डाटा को दूसरे कार्ड पर कॉपी कर क्लोन बनाया जा सकता है।


पिन सुरक्षित तो सब सुरक्षित
एटीएम कार्ड से लेन-देन के लिए पिन (पर्सनल आइडेंटिफिकेशन नंबर) भी चाहिए। यदि आपका पिन सुरक्षित है तो आपका पैसा भी सुरक्षित है।

पुलिस अधिकारी के कार्ड की भी क्लोनिंग
जयपुर के तत्कालीन डीसीपी प्रह्लाद सिंह ने वष्ाü 2006 में एसओजी थाने में मामला दर्ज कराया था कि उनका एटीएम कार्ड उनके पास है, फिर भी उनके अकाउंट से पैसा निकाला जा रहा है।

मामले की जानकारी लगते ही पुलिस जांच में जुटी। पड़ताल में क्लोनिंग करने वाले गिरोह के 18 लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार किया और 300 खाली कार्ड, स्कीमर मशीन और कार्ड राइटर बरामद किए।



ऎसे करें सुरक्षा
उन्हीं एटीएम मशीनों पर उपयोग करना चाहिए, जहां 24 घंटे गार्ड की सुविधा हो।
स्वैपिंग मशीन पर पिन हमेशा खुद दर्ज करें। इस दौरान दुकानदार को भी पिन न देखने दें। ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान अनजान वेबसाइट पर एटीएम का उपयोग न करें।
एटीएम में पिन पूरी गोपनीयता से डालें। कोशिश करें वह कैमरे पर भी न दिखे।
कोई कितना भी दबाव डाले या लालच दे, किसी को फोन पर अपने कार्ड की डिटेल न दें।


(जैसा साइबर थाना प्रभारी राजेंद्र शर्मा ने सुझाया)

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