फर्जी
डिग्री बेचने के मामले में
फरार जोधपुर राष्ट्रीय
विश्वविद्यालय के चेयरमैन
कमल मेहता को स्पेशल ऑपरेशन
गु्रप (एसओजी)
ने गुरूवार
शाम दिल्ली की पूर्वी कैलाश
कॉलोनी से गिरफ्तार कर लिया।
मेहता
की तलाश में एसओजी रविवार से
दिल्ली में डेरा डाले हुई थी।
मेहता को शुक्रवार को जयपुर
स्थित कोर्ट में पेश कर रिमांड
पर लिया जाएगा।
उल्लेखनीय
है कि एसओजी ने 21 दिसंबर
को इस गिरोह का पर्दाफाश किया
था। तक से ही मेहता भूमिगत चल
रहा था। कोर्ट ने 2 जनवरी
को मेहता का गिरफ्तारी वारंट
जारी किया था।
ये
आरोप
एसओजी
के अनुसार मेहता एक डिग्री
15-20 हजार
में बेचता था। अब तक एक हजार
बांट चुका था।
विश्वविद्यालय
में कला विष्ाय का पाठयक्रम
न होने के बावजूद एमए व बीए की
डिग्री बना कर बेची।
जयपुर
स्थित सोढाला डाटा सेंटर से
मिली थी 50 डिग्रियां।
बैंक के एक खाते में डिग्री
बेचान पेटे से मिले 13 लाख
रूपए।
ऎसे
फर्जीवाड़ा
फर्जी
डिग्री जिसे दी जाती उसका
नाम-पता
सोढाला के डाटा सेंटर में
रिकॉर्ड किया जाता था। जिससे
फर्जी डिग्री पाने वाले का
यदि नियोक्ता द्वारा रिकॉर्ड
जांचा जाता तो वह अपडेट मिलता
था। कई साल तक फर्जीवाड़ा चलता
रहा।
13 करोड़
का बैंक गबन भी
एसओजी
के एएसपी लालचंद कायल ने बताया
कि मेहता पर कॉ-ऑपरेटिव
बैंक में 13 करोड़
के गबन के दो मामले भी दर्ज
हैं। डीजीपी के निर्देश पर
इन मामलों की जांच भी एसओजी
करेगी। इस पर गुरूवार को आदेश
हो गए। एक-दो
दिन में पत्रावलियां एसओजी
को मिल जाएंगी।
तीन
पहले गिरफ्तार
एसओजी
ने जयपुर के जगतपुरा निवासी
मनोज पारीक, चित्तौड़गढ़
की सुभाष्ा कॉलोनी निवासी
श्याम सिंह और भीलवाड़ा में
बसंत विहार निवासी दर्शित
अजमेरा को गिरफ्तार किया था।
फिलहाल तीनों जेल में हैं।
मनोज विश्वविद्यालय का नेशनल
कॉर्डिनेटर था।
Source: Jaipur News from Rajasthan News Desk





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