जब केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु बजट पेश करेंगे तो देश की नजर उन पर होंगी। देश का हर नागरिक उनसे राहत की उम्मीद पाले है। लेकिन इस बार रेल मंत्रालय से संकेत मिले हैं कि इस बार का रेल बजट पिछले बजट के मुकाबले थोड़ा अधिक कड़ा हो सकता है। यानी आम लोगों की जेबें भविष्य में रेल यात्रा करने में और ढीली हो सकती हैं।
वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट हो सकती है खत्म
नए रेल बजट में रेल मंत्रालय ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वरिष्ठ नागरिकों को वातानुकूलित डिब्बों में मिलने वाली छूट से उन्हें वंचित किया जा सकता है। ऐसा रेलवे अपने घाटे को कम करने के लिए कर सकता है।
यात्री व माल भाड़े में बढ़ोतरी
यही नहीं मंत्रालय ने नए बजट में यदि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की तो रेलवे को लगभग चालीस हजार करोड़ का अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए वह यात्री व माल भाड़े में क्रमश: दस से पांच फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है।
सीट पर आएगा पिज्जा-बर्गर
रेल मंत्री खाने की गुणवत्ता सुधारने के लिए नई नीति का ऐलान कर सकते हैं जिसके तहत भारतीय रेल की खान पान सेवा यानी आईआरसीटीसी पर ही खाने की गुणवत्ता की जवाबदेही तय कर दी जाएगी। सफर के दौरान आप पैसे देकर अपना मनपसंद खाना ऑनलाइन ऑर्डर कर पाएंगे। इस ई कैटरिंग सुविधा के तहत चायोस, फूडपांडा, केएफसी, डोमिनोज, व्हिम्पीज, हल्दीराम जैसे ब्रांड से करार हो चुका है। फिलहाल 45 स्टेशनों पर ये सुविधा उपलब्ध है जिसे इस रेल बजट में बढ़ाए जाने का ऐलान हो सकता है।
रेल सेवा का विस्तार
नए बजट में रेलवे द्वारा देश के सुदूर पूर्व इलाकों में रेल सेवा के विस्तार संबंधी परियोजनाओं की घोषणा संभव है। इस संबंध में पिछले दिनों केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा किए गए उस फैसले को ध्यान में रखना होगा, जिसमें उसने देश के दूर-दराज अंचलों में रेल विस्तार के लिए संयुक्त उद्यम लगाने की मंजूरी दी है।
इसमें केंद्र व राज्य सरकार द्वारा पचास-पचास करोड़ रुपए की आरंभिक चुकता पूंजी का योगदान होगा। इस हिसाब से सीमेंट, स्टील व ऊर्जा संयंत्रों को कच्चे माल की ढुलाई के मकसद से रेल संपर्क बनाने में मदद मिलेगी।
ट्रेन में मिलेगा मनोरंजन
रेलमंत्री अपने यात्रियों के मनोरंजन की योजना भी पेश कर सकते हैं। कालका शताब्दी के एक्जिक्यूटिव कोच में प्रयोग पर शुरू की गई इस योजना में यात्रियों को अपने सामने वाली सीट के पिछले हिस्से पर एक एलईडी स्क्रीन मिलती है जिसमें वो फिलहाल 12 फिल्में और 100 वीडियो देख सकते हैं। इस सुविधा में ईयरफोन दिया जाना भी शामिल है। इस सुविधा के विस्तार के ऐलान पर नजरें रहेंगी।
बैंकों से आरक्षण की सुविधा
इसके अलावा नए बजट में बैंकों से आरक्षण की भी घोषणा संभव है। कारण कि रेलवे ने इस संबंध में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक निजी बैंक के साथ करार किया है। ध्यान रहे रेल ने ग्रामीण क्षेत्रों में अपने आरक्षित टिकट बेचने के लिए डाक घरों को पहले से ही अपने कुनबे में शामिल कर चुका है। अब बैंकों से आरक्षण की सुविधा की घोषणा संभव है।
नई ट्रेने चलाने का दबाव न बने
केंद्रीय रेल मंत्री पर इस बार इस बात का भी दबाव है कि जब वे मालगाड़ी और यात्री गाड़ी के लाभ-हानि को अलग-अलग दर्शा सकने की ओर अपने कदम बड़ा रहे हैं तो कायदे से उन्हें सामान्य शयन यान और वातानुकूलित शयन यान का भी लेखा जोखा अलग-अलग क्यों नहीं दिखाया जाए।
इस संबंध में रेल बजट पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि रेलवे मालगाड़ी और सवारी गाड़ी के इस लेखा जोखा में सवारी गाडिय़ां घाटे का सौदा दिखाने लगेंगी और रेल मंत्री को इस घाटे की भरपाई करने के बहाने यात्री किराया बढ़ाने का हर साल मौका मिल जाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि रेलवे द्वारा अक्सर यात्री गाडिय़ों को लेकर इस बात का रोना रोया जाता है कि ये ट्रेनें आम आदमी की सुविधा व सेवा की दृष्टि से घाटे में चलाई जा रही हैं। इन्हें नियमित रूप से चलाने के लिए एक यात्री गाड़ी पर दो मालगाड़ी चलानी पड़ती है और इन गाड़ियों का घाटा इतना बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है कि नई टे्रन चलाने का दबाव न बनाया जाए।
रेल मंत्री के सामने क्या-क्या है चुनौती
रेल मंत्री सुरेश प्रभु के सामने सबसे बड़ी चुनौती संचालन अनुपात बेहतर करने की है। उन्होंने पिछले बजट में इसे घटाकर 88.5 फीसदी पर लाने का वादा किया था। वर्ष 2013-14 में यह 93.6 फीसदी और 2014-15 में 91.8 फीसदी था। वैश्विक मानक हालांकि 75-80 फीसदी या उससे कम है।
1989-90 के बाद से देश में रेल मार्गो की कुल लंबाई सिर्फ 0.06 फीसदी बढ़ी है। यात्री संख्या और माल ढुलाई हालांकि इस बीच क्रमश: 3.3 फीसदी और 2.2 फीसदी बढ़ी है। देश में मालगाड़ियों और यात्री गाड़ियों की औसत गति क्रमश: 25 किलोमीटर प्रति घंटा और 70 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह भी दुनिया में सबसे कम है। रेल मंत्री को वेतन में 40 फीसदी (320 अरब रुपये) वृद्धि से निपटने के लिए कोष जुटाने पर भी विचार करना होगा।
Source: http://rajasthanpatrika.patrika.com/story/india/rail-budget-2016-suresh-prabhu-speech-2030572.html
वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट हो सकती है खत्म
नए रेल बजट में रेल मंत्रालय ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वरिष्ठ नागरिकों को वातानुकूलित डिब्बों में मिलने वाली छूट से उन्हें वंचित किया जा सकता है। ऐसा रेलवे अपने घाटे को कम करने के लिए कर सकता है।
यात्री व माल भाड़े में बढ़ोतरी
यही नहीं मंत्रालय ने नए बजट में यदि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की तो रेलवे को लगभग चालीस हजार करोड़ का अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए वह यात्री व माल भाड़े में क्रमश: दस से पांच फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है।
सीट पर आएगा पिज्जा-बर्गर
रेल मंत्री खाने की गुणवत्ता सुधारने के लिए नई नीति का ऐलान कर सकते हैं जिसके तहत भारतीय रेल की खान पान सेवा यानी आईआरसीटीसी पर ही खाने की गुणवत्ता की जवाबदेही तय कर दी जाएगी। सफर के दौरान आप पैसे देकर अपना मनपसंद खाना ऑनलाइन ऑर्डर कर पाएंगे। इस ई कैटरिंग सुविधा के तहत चायोस, फूडपांडा, केएफसी, डोमिनोज, व्हिम्पीज, हल्दीराम जैसे ब्रांड से करार हो चुका है। फिलहाल 45 स्टेशनों पर ये सुविधा उपलब्ध है जिसे इस रेल बजट में बढ़ाए जाने का ऐलान हो सकता है।
रेल सेवा का विस्तार
नए बजट में रेलवे द्वारा देश के सुदूर पूर्व इलाकों में रेल सेवा के विस्तार संबंधी परियोजनाओं की घोषणा संभव है। इस संबंध में पिछले दिनों केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा किए गए उस फैसले को ध्यान में रखना होगा, जिसमें उसने देश के दूर-दराज अंचलों में रेल विस्तार के लिए संयुक्त उद्यम लगाने की मंजूरी दी है।
इसमें केंद्र व राज्य सरकार द्वारा पचास-पचास करोड़ रुपए की आरंभिक चुकता पूंजी का योगदान होगा। इस हिसाब से सीमेंट, स्टील व ऊर्जा संयंत्रों को कच्चे माल की ढुलाई के मकसद से रेल संपर्क बनाने में मदद मिलेगी।
ट्रेन में मिलेगा मनोरंजन
रेलमंत्री अपने यात्रियों के मनोरंजन की योजना भी पेश कर सकते हैं। कालका शताब्दी के एक्जिक्यूटिव कोच में प्रयोग पर शुरू की गई इस योजना में यात्रियों को अपने सामने वाली सीट के पिछले हिस्से पर एक एलईडी स्क्रीन मिलती है जिसमें वो फिलहाल 12 फिल्में और 100 वीडियो देख सकते हैं। इस सुविधा में ईयरफोन दिया जाना भी शामिल है। इस सुविधा के विस्तार के ऐलान पर नजरें रहेंगी।
बैंकों से आरक्षण की सुविधा
इसके अलावा नए बजट में बैंकों से आरक्षण की भी घोषणा संभव है। कारण कि रेलवे ने इस संबंध में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक निजी बैंक के साथ करार किया है। ध्यान रहे रेल ने ग्रामीण क्षेत्रों में अपने आरक्षित टिकट बेचने के लिए डाक घरों को पहले से ही अपने कुनबे में शामिल कर चुका है। अब बैंकों से आरक्षण की सुविधा की घोषणा संभव है।
नई ट्रेने चलाने का दबाव न बने
केंद्रीय रेल मंत्री पर इस बार इस बात का भी दबाव है कि जब वे मालगाड़ी और यात्री गाड़ी के लाभ-हानि को अलग-अलग दर्शा सकने की ओर अपने कदम बड़ा रहे हैं तो कायदे से उन्हें सामान्य शयन यान और वातानुकूलित शयन यान का भी लेखा जोखा अलग-अलग क्यों नहीं दिखाया जाए।
इस संबंध में रेल बजट पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि रेलवे मालगाड़ी और सवारी गाड़ी के इस लेखा जोखा में सवारी गाडिय़ां घाटे का सौदा दिखाने लगेंगी और रेल मंत्री को इस घाटे की भरपाई करने के बहाने यात्री किराया बढ़ाने का हर साल मौका मिल जाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि रेलवे द्वारा अक्सर यात्री गाडिय़ों को लेकर इस बात का रोना रोया जाता है कि ये ट्रेनें आम आदमी की सुविधा व सेवा की दृष्टि से घाटे में चलाई जा रही हैं। इन्हें नियमित रूप से चलाने के लिए एक यात्री गाड़ी पर दो मालगाड़ी चलानी पड़ती है और इन गाड़ियों का घाटा इतना बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है कि नई टे्रन चलाने का दबाव न बनाया जाए।
रेल मंत्री के सामने क्या-क्या है चुनौती
रेल मंत्री सुरेश प्रभु के सामने सबसे बड़ी चुनौती संचालन अनुपात बेहतर करने की है। उन्होंने पिछले बजट में इसे घटाकर 88.5 फीसदी पर लाने का वादा किया था। वर्ष 2013-14 में यह 93.6 फीसदी और 2014-15 में 91.8 फीसदी था। वैश्विक मानक हालांकि 75-80 फीसदी या उससे कम है।
1989-90 के बाद से देश में रेल मार्गो की कुल लंबाई सिर्फ 0.06 फीसदी बढ़ी है। यात्री संख्या और माल ढुलाई हालांकि इस बीच क्रमश: 3.3 फीसदी और 2.2 फीसदी बढ़ी है। देश में मालगाड़ियों और यात्री गाड़ियों की औसत गति क्रमश: 25 किलोमीटर प्रति घंटा और 70 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह भी दुनिया में सबसे कम है। रेल मंत्री को वेतन में 40 फीसदी (320 अरब रुपये) वृद्धि से निपटने के लिए कोष जुटाने पर भी विचार करना होगा।
Source: http://rajasthanpatrika.patrika.com/story/india/rail-budget-2016-suresh-prabhu-speech-2030572.html
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