Thursday 8 January 2015

प्रदेश में बीस हजार किलोमीटर लम्बाई में सड़क निर्माण के लिए प्रस्तावित एजेंसी राजस्थान राज्य राजमार्ग प्राधिकरण के गठन का रास्ता साफ हो गया है।
इसके गठन के विधेयक को अब तक अटकाए बैठे केन्द्र सरकार के दो मंत्रालयों ने भी सहमति दे दी है। इस विधेयक के कई प्रावधान केन्द्र सरकार के कानूनों को प्रभावित करते हैं।

इस कारण इसे स्वीकृति के लिए राज्य सरकार ने केन्द्र को भेजा था। वहां इसे पांच मंत्रालयों से हरी झण्डी लेनी थी। तीन मंत्रालयों ने तो स्वीकृति दे दी, लेकिन ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन भूमि संसाधन विभाग और सड़क परिवहन मंत्रालय ने इसे अटका दिया।
भूमि संसाधन विभाग को विधेयक में शामिल भूमि अवाप्ति संबंधी प्रावधानों पर आपत्ति थी। इसी तरह सड़क परिवहन मंत्रालय विधेयक में शामिल कुछ प्रावधानों को केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम के अनुसार नहीं मान रहा था।

इस पर राज्य के सार्वजनिक निर्माण विभाग और दोनों मंत्रालयों के अधिकारियों की एक दिन पहले दिल्ली में हुई बैठक में मामले पर विस्तार से चर्चा हुई। प्रदेश के अधिकारियों ने विधेयक के प्रावधानों को स्पष्ट किया था।
साथ ही आश्वस्त किया इस विधेयक के लागू होने से केन्द्रीय कानूनों के उद्देश्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस पर बैठक में दोनों मंत्रालयों के अधिकारियों ने विधेयक पर अपनी स्वीकृति दी। इस स्वीकृति के बाद जल्द ही विधेयक पर केन्द्र सरकार की औपचारिक मंजूरी मिल जाएगी।

यह काम होगा जिम्मे
विधेयक के तहत गठित होने वाला राज्य राजमार्ग प्राधिकरण निजी जन सहभागिता (पीपीपी) मॉडल के आधार पर प्रदेश में बीस हजार किलोमीटर की सड़क का निर्माण करेगा।

प्राधिकरण सड़क के लिए भूमि अवाप्त कर सकेगा। साथ ही सड़क क्षेत्र में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई कर सकेगा।


Source: Rajasthan News from Hindi News Desk

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