Thursday 25 February 2016

रियासतकाल में भी उदयपुर में ट्रेन चलती थी, लेकिन सरकार के हाथ में रेलवे की बागडोर क्या आई मेवाड़ मानो उपेक्षित हो गया। रेल बजट में दक्षिणी राजस्थान को कभी तरजीह नहीं मिली। यहां रेल लाइनें डालने और ब्रॉडगेज की सुविधा देने में रेलवे का रवैया सौतेला ही रहा है। उदयपुर-अहमदाबाद, मावली-मारवाड़ रेलमार्ग हो या मावली-नीमच और रतलाम-डूंगरपुर सभी क्षेत्रों में वर्षों से उपेक्षा झेल रहे इस क्षेत्र को रेलवे से कई उम्मीदें हैं। इन लाइनों के पूरा होने से जहां विकास की गति मिलेगी, प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के लिए भी ये लाइनें काफी महत्वपूर्ण और सुविधाजनक होंगी। स्मार्ट सिटी की राह पर चल पड़ी लेकसिटी को कई नई गाडि़यों की दरकार है, लेकिन आमान परिवर्तन के अधूरे काम पूरे होने पर ही उदयपुर देश के अन्य बड़े शहरों से जुड़ सकेगा।

करीब आठ वर्ष पूर्व उदयपुर-अहमदाबाद आमान परिवर्तन को हरी झंडी मिली थी, लेकिन पूरा बजट नहीं दिए जाने से यह कार्य पिछड़ता गया। पांच वर्ष में पूरा होने वाला यह कार्य करीब दस वर्ष में पूरा होगा। बशर्ते इसके लिए जरूरत के अनुसार बजट मिलता  रहे। जानकारों की मानें तो इस वर्ष उदयपुर-अहमदाबाद आमान परिवर्तन के लिए    कम से कम 250 करोड़ रुपए की स्वीकृति जरूरी है। इसके साथ ही डूंगरपुर-रतलाम, मावली-मारवाड़ और बड़ीसादड़ी-नीमच के लिए बड़ी राशि की जरूरत है। इससे यह क्षेत्र चारों ओर से रेल लाइनों से जुड़ेगा
Rail Budget 2016
 
...तो पूरा हो जाता उदयपुर-अहमदाबाद मार्ग
गोपीराम अग्रवाल ने बताया कि उदयपुर-अहमदाबाद ब्रॉडगेज लाइन के सर्वे में इसे लाभदायी बताया गया था। इसके बाद रेलवे की ही संस्था रेल विकास निगम लिमिटेड ने इस कार्य को हाथ में लेने और इसे पांच वर्ष में पूरा करने की पेशकश की थी। इस पर रेल प्रबंधन ने शर्त लगा दी कि यह संस्था रेल वित्त निगम से राशि नहीं लेगी। अब यह कार्य रेलवे अपने स्तर पर करवा रहा है। इसी फेर में काम अटक-अटक कर चल रहा है।

क्यों अटका रतलाम-डूंगरपुर का कार्य
रतलाम-डूंगरपुर का कार्य अटकने के पीछे सबसे बड़ा कारण गलत समझौता रहा। वर्ष 2011 में जब राज्य सरकार और रेलवे एमओयू कर रहे थे। इसके तहत इस लाइन के लिए राज्य सरकार और रेलवे को आधी-आधी राशि देनी थी। तब अग्रवाल ने पत्र लिखकर ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी थी, क्योंकि राज्य सरकार के पास इतनी बड़ी राशि नहीं थी। एमओयू होने के बाद में राज्य सरकार ने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम से रेलवे को 200 करोड़ नकद एवं करीब 100 करोड़ रुपए भूमि अधिग्रहण के नाम पर व्यय करवा दिए। इस पर राज्य के महालेखाकार ने 28 जुलाई, 2014 को उक्त भुगतान को निगम के उद्देश्यों के विरुद्ध बताते हुए इस पर रोक लगा दी। ऐसे में यह कार्य अट गया।

ऐसे होता पूरा
राज्य सरकार को गुजराज की तर्ज पर एमओयू करना था। इसके तहत 25 प्रतिशत राशि रेलवे और प्रदेश सरकार देती। शेष राशि किसी वित्तीय संस्था से कर्ज लेकर कार्य करवाया जाता।

मिल सकता है बजट
अग्रवाल ने बताया कि 31 दिसंबर, 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक निर्णय किया है। इससे उम्मीद फिर जगी है। देश के लाभदायक रेलवे प्रोजेक्ट के लिए रेलवे एवं संबंधित राज्य सरकारों द्वारा एक ज्वॉइंट वेंचर कंपनी बनाकर करीब 25 प्रतिशत राशि का आधा-आधा वहन करने और शेष राशि भारतीय जीवन बीमा निगम जैसी वित्तीय संस्था से ऋण लेने का निर्णय लिया गया है। रतलाम-डूंगरपुर रेल लाइन भी सर्वे के अनुसार लाभदायक प्रोजेक्ट के तहत आती है।

जानकारों की राय

इस बार मिले 250 करोड़
दक्षिण-पश्चिम रेलवे परामर्श समिति के पूर्व सदस्य प्रकाश मांडोत ने बताया कि गत बजट में उदयपुर-हिम्मतनगर ब्रॉडगेज को छोड़ दिया जाए, तो मेवाड़ को खास नहीं मिला। उदयपुर पर्यटन के साथ ही खनिज से भरपूर क्षेत्र हैं। एेसे में यहां रेल परिवहन बढऩे पर रेलवे को अच्छी आय होगी। इस बार उदयपुर-अहमदाबाद वाया हिम्मतनगर के लिए 250 करोड़ की राशि जारी हो और कार्य में तेजी लाई जाए।

मावली-मारवाड़ ब्रॉडगेज हो
छगनलाल बोहरा का कहना है कि मावली-मारवाड़ मार्ग को ब्रॉडगेज करने लिए केवल सौ किलोमीटर ही लाइन डालनी है। इससे मेवाड़ सीधा मारवाड़ से जुड़ जाएगा। यह मार्ग दक्षिण से आने वाली ट्रेनों के लिए भी सहज और सुलभ होगा। कामली घाट में पहले ही मीटरगेज लाइन है। इसी के समानांतर एक और लाइन डाली जा सकती है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय और पर्यटन से भी बजट लिया जा सकता है।

उद्योगों को लाभ
पूर्व सांसद शांतिलाल चपलोत का मानना है कि रेलवे की दृष्टि से मेवाड़ काफी उपेक्षित रहा है। यह पर्यटन स्थल, खनिज, सोप्ट स्टोन, मार्बल आदि के लिए विख्यात है। यहां औद्योगिक विकास के लिए सस्ती माल ढुलाई की आवश्यकता है। यह  रेल के माध्यम से आसान होगी। मारवाड़ से जुडऩे पर आपात स्थिति में यह मार्ग सैन्य छावनियों से पाकिस्तान सीमा तक पहुंचने का सबसे छोटा मार्ग है। बड़ीसादड़ी से नीमच का मार्ग भी जोड़ा जाना चाहिए। इससे मेवाड़ सीधे मध्यप्रदेश से जुड़ जाएगा।

मेवाड़ की अर्थव्यवस्था बदलेंगी ये लाइनें
रेलवे मामले के विशेषज्ञ केएस मोगरा के मुताबिक उदयपुर-अहमदाबाद ब्रॉडगेज लाइन और रतलाइन-डूंगरपुर लाइन मेवाड़ की अर्थव्यवस्था बदल देगी। बांसवाड़ा में भरपूर पानी है। यहां रेललाइन आने के साथ ही एटोमिक और एक थर्मल दो पावर स्टेशन शुरू हो सकेंगे। इससे बिजली की कमी नहीं रहेगी। उद्योगों को जरूरी पानी, पावर, सस्ती भूमि, सस्ते श्रमिक आदि सभी सुविधाएं इस क्षेत्र में मिलेंगी। यहां पैदा होने वाले अनाज, फल आदि से उत्पाद तैयार करने के लिए भी उद्योग शुरू होंगे। टैक्स के रूप में राज्य सरकार की आय में भी बढ़ोतरी होगी। उदयपुर-अहमदाबाद आमान परिवर्तन को इस बार पिंक बुक में लेना चाहिए, ताकि राशि की परेशानी नहीं हो।

जनप्रतिनिधि बोले
अहमदाबाद-उदयपुर ब्रॉडगेज कार्य के लिए पूरी राशि स्वीकृत हो और यह कार्य जल्द पूरा हो। प्रशासनिक और जन प्रतिनिधियों की ओर से पूरा सहयोग है। जमीन अवाप्ति का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है। दक्षिण भारत के प्रमुख शहरों से उदयपुर के लिए टे्रनों का संचालन शुरू हो। अजमेर तक चलने वली पूजा एक्सप्रेस, हरिद्वार एक्सप्रेस के फेरे उदयपुर तक बढ़ाए जाएं और अतिरिक्त कोच लगे। मारवाड़ के लिए ब्रॉडगेज लाइन का कार्य शुरू हो। इन सभी की  समय-समय पर मांग करने साथ ही संसद में सवाल भी लगाया गया है।
- अर्जुनलाल मीणा, सांसद, उदयपुर।
लोकसभा क्षेत्र के लिए कुछ मांगें रेल मंत्रालय को भेजी हैं। इनमें मावली-मारवाड़ ब्रॉडगेज करने की मांग प्रमुख है। आने वाले दिनों में अहमदाबाद-उदयपुर मार्ग ब्रॉडगेज होने से पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा। माल परिवहन से अच्छा राजस्व मिलेगा। मारवाड़ नहीं जोड़ा जाता है, तो देवगढ़ से ब्यावर और कांकरोली से भीलवाड़ा को जोड़ा जाए। जेतारण के बर से बिलाड़ा को जोड़ा जाए। अजमेर से पुष्कर चल रही ट्रेन को मेड़ता तक बढ़ाया जाए।
- हरिओमसिंह राठौड़, सांसद, राजसमंद।
रतलाम-बांसवाड़ा-डूंगरपुर की लाइन के लिए रेल मंत्रालय को लिखा है। मंत्रालय ने जमीन अवाप्ति की राशि राज्य सरकार द्वारा वहन करने की स्थिति में कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया है। गत दिनों मुख्यमंत्री से भी चर्चा हुई। इस लाइन को लेकर उनका रुझान सकारात्मक है। अब तक बड़ी मात्रा में  किसानों को मुआवजा दे चुके हैं। सौ करोड़ का मुआवजा देना बाकी है। टेपर में थर्मल पॉवर प्लांट जमीन का विवाद भी मुआवजे से  निपटने वाला है।  उम्मीद है कि इस लाइन के लिए बजट में जरूर घोषणा होगी।
- मानशंकर निनामा, सांसद डूंगरपुर, बांसवाड़ा।
मैंने  उदयपुर-अहमदाबाद आमान परिवर्तन का काम तेज गति से करवाने पर जोर दिया है। भूमि अवाप्ति का कार्य जल्द ही पूरा हो जाएगा। गत बजट की घोषणा के अनुसार उदयपुर-चित्तौडग़ढ़-अजमेर मार्ग का विद्युतीकरण होना है। इस दिशा में कार्य शुरू हो गया है। विद्युतीकरण के बाद इस क्षेत्र में तेज गति से चलने वाली ट्रेनें भी आएंगी। बड़ीसादड़ी-नीमच की मांग लंबे से है। उम्मीद है कि बजट में कोई प्रस्ताव आए। आने वाले दिनों में रेल, रक्षा और स्टेट मिलकर कार्य करेंगे। मावली-मारवाड़ ब्रॉडगेज के सर्वे में इस मार्ग को ज्यादा लाभदायक नहीं माना गया।
-सीपी जोशी, चित्तौड़, सांसद।
ब्रॉडगेज उदयपुर के विकास के लिए अहम है। इसके लिए राशि जारी कर गति देनी आवश्यक है। यहां प्राकृतिक खनिक के भंडार होने के साथ ही पानी की कमी भी नहीं है। बांसवाड़ा में पावर प्लांट लगने के बाद बिजली की समस्या भी समाप्त हो जाएगी। पर्यटन के क्षेत्र में भी उदयपुर विश्व में अपनी अलग ही पहचान रखता है।  ऐसे में इस क्षेत्र का भविष्य काफी सुदृढ़ दिखाई दे रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए रेल का बजट जारी किया जाना चाहिए।
- हरीश राजानी, सदस्य, अजमेर जोन रेलवे सलाहकार समिति।

Tagged: , , , , ,

0 comments:

Post a Comment