Thursday 25 February 2016

केंद्र सरकार गुरुवार को रेल बजट पेश करेगी। प्रभु कृपा हुई तो हाड़ौती को कई सौगात मिल सकती हैं। रेल बजट को लेकर महीनों से चल रही कवायद के बाद जोन से कई प्रस्ताव रेल मंत्रालय को भेजे गए हैं।

झालावाड़ सिटी से जोधपुर के बीच नई सुपरफास्ट ट्रेन चलाने का प्रस्ताव इस बार फिर भेजा गया है। कोटा से झालावाड़ के लिए नई पैसेंजर का भी प्रस्ताव है। मंदसौर-मेरठ लिंक एक्सप्रेस को अलग ट्रेन बनाकर चलाने का प्रस्ताव भेजा गया है। यह अभी देहरादून एक्सप्रेस के साथ चलती है। कोटा-निजामुद्दीन-कोटा हॉलीडे ट्रेन को नियमित करने, कोटा-श्रीगंगानगर सुपरफास्ट का विस्तार भटिण्डा तक और कोटा-नीमच पैसेंजर का मंदसौर तक विस्तार होने की उम्मीद है। कोटा-जयपुर-रतलाम पैसेंजर का एक्सप्रेस ट्रेन के रूप में जोधपुर तक विस्तार का प्रस्ताव है। कोटा- वैष्णोदेवी कटरा, कोटा-उधमपुर, जयपुर-मैसूर, जयपुर-पुणे और बलसाड़-हरिद्वार साप्ताहिक एक्सप्रेस को दैनिक ट्रेन के रूप में संचालित करने का प्रस्ताव भेजा गया है।
Rail Budget 2016

पिछली घोषणाएं अधूरी
रेल बजट 2015 की गई घोषणाएं पूरी नहीं हुई। पिछले बजट में रेल मंत्री ने निर्भया फण्ड से ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की घोषणा की थी। कोटा मंडल ने 60 लाख रुपए की योजना रेलवे बोर्ड को भेजी थी। इसके तहत स्टेशन पर 65 सीसीटीवी कैमरे लगाने थे। ए-1 और ए श्रेणी के स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा शुरू होनी थी, लेकिन कोटा में अब तक शुरू नहीं हुई। टीटीई को हैंड हेल्ड टर्मिनल उपलब्ध कराने की योजना भी कोटा मंडल में यह योजना शुरू नहीं हो पाई।

खिड़की से ज्यादा ऑनलाइन टिकट बुक करवा रहे यात्री
ट्रेनों में सफर करने वाले यात्री आरक्षण काउंटर पर जाने के बजाय इंटरनेट से टिकट बुक कराने में ज्यादा रुचि ले रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2015-16 में जनवरी माह तक यह तथ्य सामने आया है। देश में इस अवधि में 1648 लाख टिकट बुक किए गए। इनसे 14 हजार 740 करोड़ की आय हुई। आरक्षण केन्द्रों से 1213 लाख टिकट बुक हुए। इनसे 10,684 करोड़ की आय हुई। इसी तरह पश्चिम मध्य रेलवे में इंटरनेट से 38.82 लाख यात्रियों ने टिकट बुक कराए। इससे रेलवे को  271.68 करोड़ की आय हुई। वहीं आरक्षण केन्द्रों पर 27.93 लाख ने आरक्षण कराया। इससे रेलवे को 176.66 करोड़ की आय हुई। 17 जोन में से केवल पूर्वोत्तर सीमा में आरक्षण केन्द्रों से 47.05 लाख टिकट हुए और इंटरनेट से 33.74 लाख टिकट बुक हुए। यह जानकारी रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने सांसद ओम बिरला के सवाल के लिखित जवाब में संसद में दी।

...तो इस साल भी रद्द होंगी ट्रेनें
तकनीकी अभाव से रेलवे पहले ही जूझ रहा है। रेलवे ने कोहरे की काट के लिए ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम टीपीएस लांच किया था, लेकिन अभी तक यह ट्रेनों में पूरी तरह लगाया नहीं गया है। इस कारण सर्दियों में ट्रेनें इसके बेस पर चलने की बजाय कोहरे के बेस पर चलती-अटकती हैं। टी कैश भी एेसा ही उपकरण है। इस साल ही 600 ट्रेनों को दो से चार महीने के लिए सीधे रद्द कर दिया गया था। इस बार भी कोहरे की काट की जाती है या चार माह तक यात्रियों को परेशान होना पड़ेगा, यह सुविधा से जुड़ा बड़ा प्रश्न है। हालांकि इसके लिए सैटेलाइट सिस्टम जीपीएस एडेड जिओ अगमेंटेड निवीगेशन (गगन) लांच हो चुका है लेकिन इसे रेलवे में जोड़ा जाएगा या नहीं, यह देखना होगा। गगन ऐसा सिस्टम है, जिसके माध्यम से ट्रेन ड्राइवर को इंजन के बाहर झांकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ट्रेन के अंदर लगी स्क्रीन ट्रेनों, पटरियों या अन्य विषय वस्तु की स्थिति सैकंड दर सैकंड भेज देगी। ऐसे में किसी भी मौसम में ट्रेनों को बेझिझक चलाया जा सकता है।

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