Monday 5 January 2015

नेत्रहीनता से जीवन नहीं रूकता। जिन लोगों की आंखें नहीं है, वह अपनी अन्तरदृष्टि से इस दुनिया का अनुभव करते हैं और उनकी क्षमताएं असीमित होती है। हमारे समाज में ऎसे कई नेत्रहीन हुए हैं, जिन्होंने समाज को नई दिशा दी है।


बे्रल लुई इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। यह बात मदनलाल सिहंल ने रविवार को श्योर संस्था, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, लॉयन्स क्लब, ओरिएण्टल बैंक ऑफ कॉमर्स, यस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, टी.टी. पब्लिक स्कूल के संयुक्त तत्वावधान में सत्यसांई अंध एवं मूक-बधिर विद्यालय में आयोजित ब्रेल लुई दिवस एवं नेत्रहीन बालक-बालिका खेलकूद प्रतियोगिता के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी नरेन्द्र तनसुखानी ने की।


कार्यक्रम में चम्पालाल ने कहा कि वे अपने आप को अकेला महसूस न करे, हम सब आपके साथ हैं। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय स्टेशन रोड के प्रधानाचार्य चैनाराम चौधरी ने कहा कि मात्र आंखों से पढ़ाई होती तो दुनिया में कोई अनपढ़ नहीं होता। ईश्वरलाल सेवक, कानजीराम, मघाराम सैन, ओरिएण्टल बैंक के पुरूषोत्तम, विपुल राठी, रावतसिंह ने नेत्रहीन विद्यालय में अध्ययनरत बालकों की हौसला अफजाई की।

नेत्रहीन छात्र खान मोहमद ने ब्रेल लुई की जीवनी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। संचालन नेत्रहीन रमेश कुमार व जगदीश कुमार ने किया। कार्यक्रम में खेलकूद प्रतियोगिताओं में भाग लने वाले नेत्रहीन बालकों को प्रमाण-पत्र एवं इनाम का वितरण कि गया।

Source: Barmer News from Rajasthan News Desk

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