रॉयल
फैमिली मणिुपर में जन्मीं और
राइटर एम के बिनोदिनी देवी
के बेटे एल सोमी रॉय ने उनके
स्मरणों का अनुवाद "द
महाराजाज हाउसहोल्ड"
में संकलित
किया है। सेशन में इस बुक पर
चर्चा की गई।
सोमी
के अनुसार, बिनोदिनी
महिला सशक्तीकरण का एक बेहतरीन
उदाहरण थीं। महिलाओं के लिए
वे हर परिस्थिति में आगे खड़ी
रहती थीं। उन्हें स्पोट्र्स
में भी काफी रूचि थी।
हालांकि
राजघरानों के खेल पोलो होते
हैं, लेकिन
उन्हें क्रिकेट के लिए भी लिखा
है। उन्होंने लिखा, मुझे
नहीं पता कौन खेल रहा है,
किसके लिए
खेल रहा है, लेकिन
स्पोट्र्समैन का जज्बा देखने
लायक है। वे कम्यूनिटी यूनाइटेड
और महिलाओं के आगे बढ़ने की
सोच रखती थीं।
ऑडियंस
क्वेश्चन: राजस्थान
में रॉयल फैमिली राजनीति में
है, क्या
वहां भी इसका प्रभाव है?
यदि
किसी भी रॉयल फैमिली को ऎसा
लगता है कि वे राजनीति में आकर
लोगों की सेवा कर सकती है,
तो उन्हें
जरूर राजनीति में आना चाहिए।
Source: Jaipur Literature Festival
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