Thursday, 1 January 2015

बीत गया 2014, आज से नया साल शुरू हो गया। नए वर्ष 2015 में कई नए सपने संजोने हैं, उन्हे पूरा करने के संकल्प लेने हैं। जन, जनप्रतिनिधि और जनसेवकों (प्रशासन) को मिलकर इन्हें साकार करना है। कई सपने ऎसे हैं, जो सालों बाद भी साकार नहीं हुए, वहीं कई सपने अब सच होने के करीब हैं। उम्मीद है कि इस साल हमारे सभी सपने साकार हों। आबादी को अभयारण्य से मुक्ति मिले। सड़कों पर वाहन फर्राटा भरें। शाही रेल के ठहराव से बूंदी में पर्यटन को नई मंजिल मिले। एक बार दरक चुके गरड़दा बांध का पुनर्निर्माण हो।


केशवरायपाटन विधानसभा क्षेत्र में गेतां-माखीदा पुलिया के निर्माण और गैस आधारित विद्युत परियोजना के काम शुरू हों। बरड़ में पत्थर मण्डी स्थापित करने की योजना हो या बूंदी के पेचग्राउंड में ग्रामीण हाट बाजार विकसित करने की। गांवों में फ्लोराइड मुक्त पेयजल आपूर्ति की मांग हो या जिला मुख्यालय सहित कस्बों में रोडवेज बस स्टैण्ड के विस्तार की। आइये डालतें हैं 2015 में जिले के 15 सपनों पर एक नजर...

बूंदी में रूके शाही रेल
बूंदी में पर्यटन विकास के लिए शाही रेल के ठहराव की मांग बरसों से चली आ रही है। इसके अलावा एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं होना बड़ी समस्या है। बूंदी पर्यटन नगरी है। यहां शाही ट्रेन का ठहराव हो तो पर्यटकों की संख्या और बढ़े। इससे यहां पर्यटन व्यवसाय भी पनपेगा। यहां होटल, ट्रांसपोर्टेशन, ग्रामीण पर्यटन को भी बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है। इसके अलावा तालेड़ा में देहरादून एक्सप्रेस को रोकने की भी पुरानी मांग है। ट्रेन नहीं रूकने से लोग रेल यात्रा से वंचित हैं। बूंदी शहर में नगरीय परिवहन सेवा शुरू होनी चाहिए, ताकि लोगों को राहत मिल सके।


बरड़ में पत्थर मण्डी

बरड़ क्षेत्र में लम्बे समय से पत्थर मण्डी की स्थापना की मांग की जा रही है। यहां पत्थर व्यवसाय व्यापक स्तर पर है। खनन आदि से भी करीबन 10 हजार लोगों को रोजगार मिला हुआ है। पत्थर मण्डी की स्थापना हो तो लोगों को यहीं सुविधाएं मिलेगी तो आमदनी भी बढ़ेगी।...और पढ़े

Source: Bundi News from Rajasthan Hindi News Desk

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