लूटी
हुई पतंगें बेचकर सौ रूपए कमाए
हैं... अब
रेवड़ी और गजक खाऊंगा...
मोनू और
लाला को भी खिलाऊंगा...
यह बताते
हुए
फूला
नहीं समा रहा था ज्योति नगर
कच्ची बस्ती में रहने वाला
आठ साल का राजेश।
मकर
संक्रांति पर राजेश की सुबह
आम दिनों से काफी जल्दी पांच
बजे ही शुरू हो गई थी। राजेश
ने बताया कि वह अंधेरे ही एक
झाड़ लेकर पतंग लूटने निकल
गया।
दिनभर
में 80 पतंगें
लूटीं और शाम को उन्हें बेच
दिया। राजेश की तरह ऎसे कितने
ही बच्चे सड़कों पर झाड़ लिए
पतंग लूटते फिर रहे थे। लोग
छतों पर पेच लड़ा रहे थे तो
नीचे ये बच्चे पतंग कटने के
इंतजार में थे।
जैसे
ही कोई पतंग कटती, सारे
बच्चे लूटने के लिए दौड़ पड़ते।
बड़ी बात यह थी कि ये बच्चे
पतंगें उड़ाने के लिए नहीं
लूट रहे थे, बल्कि
इसलिए लूट रहे थे उन्हें बेचकर
अपनी मनपसंद चीज खा सकें।
Source: Jaipur City News from Rajasthan News Paper
0 comments:
Post a Comment